The role of media in the movement
आंदोलन में मीडिया की भूमिका
The role of media in the movement is multifaceted. It plays multiple role in the movement. It starts with the identifying the area of movement. It is media who highlighted the plight related to any area. Once the issue is highlighted by the media, then it is the people who has to act next. Once the people start mobilising towards the issue and the issue starts taking the shape of movement then it is the media who gives coverage and legitimacy to the moment.
किसी भी आंदोलन में मीडिया की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण हो जाती है। मीडिया ही वो संस्था है जो लोगों को किसी क्षेत्र में हो रहे बुराई या शोषण से अवगत कराता है। जब आम लोगों को यह लगता है ये जो चीज़ें घटित हो रही है और वह सही नहीं है तब हुआ आंदोलन की राह में आते हैं। एक बार जब लोग आंदोलित हो जाते हैं उसके बाद मीडिया ही उस आंदोलन को स्थान और समय देता है। इस तरह से हम देखें तो मीडिया की भूमिका किसी भी आंदोलन में काफ़ी महत्वपूर्ण हो जाती है।
Some of the important points through which media is related to the movement are:-
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिनके माध्यम से मीडिया आंदोलन से जुड़ा है:-
- Providing information and knowledge about the movement आंदोलन के बारे में जानकारी और ज्ञान प्रदान करना
- Day to day coverage about the movement आंदोलन के बारे में दिन-प्रतिदिन की कवरेज
- Connecting people with the movement लोगों को आंदोलन से जोड़ना
- Giving validity and legitimacy to the movement आंदोलन को वैधता प्रदान करना
- Fuel the movement with footage and live coverage फुटेज और लाइव कवरेज के साथ आंदोलन को धार देना
- Pressurising the government for the demand of the moment आंदोलन की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाना
- Making face of the movement किसी को आंदोलन का चेहरा बनाना
- Expand the territory of movement आंदोलन का क्षेत्र विस्तार करना
- Arrange resources for the movement आंदोलन के लिए संसाधन की व्यवस्था में मदद करना
It is not that every section of the media helps the movement. Whenever there are agitations, the system and government also create such a section of the media which works to create an atmosphere against the agitation. Here the role of the media becomes like that of a villain who declares legitimate demands as illegitimate. He distracts the movement with different tactics.
ऐसा नहीं है कि मीडिया का हर वर्ग आंदोलन को सहायता ही पहुँचाता है। जब भी आंदोलन होते हैं तो व्यवस्था और हुकूमत मीडिया का एक ऐसा वर्ग भी तैयार करता है जो कि आंदोलन के ख़िलाफ़ माहौल बनाने का काम करता है। यहाँ पर मीडिया का रोल उस विलन की तरह हो जाता है जो जायज़ माँगो को भी नाजायज़ क़रार देता है। वह तरह-तरह के हथकंडे से आंदोलन को भटकाता है।