How to understand the media ? How to demystifying the media ?
मीडिया को कैसे समझें? मीडिया से रहस्य कैसे हटाएं?
Demystifying, the media is to decode the mystery about the media. The media is of course a powerful entity. It has the power to affect the policy. It has the power to change the society. In totality, it can be said that media has a tremendous power to effect each and every sector of country. If any such organisation having so much power with it, then of off course people have interest in knowing the working style, culture, about that organisation. So demystifying is basically to know about the various things about the media. It is to know the things from not only factual basis but from different viewpoint also. In simple sense, it can be said that how to understand the media. Once the knowledge and understanding about the media is acquired then only any body can critically analyse each and every thing in depth manner.
मीडिया को समझना किसी रहस्य से पर्दा हटाना है। मीडिया ख़ुद समाज को कई रहस्यों के बारे में समझाती है। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि अपने बारे में बिलकुल ही राज़ बनाए रखती है। मीडिया में अथाह शक्ति है। वह सत्ता, सरकार, शासन, व्यवस्था सबको चाहें तो दिशा-निर्देशित कर सकती है। सबके गुण और दोष से पर्दा हटा सकती है। मीडिया को काफ़ी हसरत भरी निगाहों से लोग देखते है। यही वजह है कि मीडिया के बारे में जानना किसी के लिए भी जिज्ञासा को शांत करना है। यही नहीं अगर मीडिया के तत्वों का मूल्यांकन करना है तो भी मीडिया के कार्य प्रणाली से रहस्य के परतें हटाने पड़ेंगे। यही बातें है वह इस विषय का आशय है। मीडिया कैसे काम करती है, उसकी कार्यप्रणाली क्या है, उसकी शक्ति का राज क्या है।
Some of the important point related to this are mentioned below-
नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताए गए हैं जिनके आधार पर इस विषय के बारे में अच्छी जानकारी बढ़ेगी-
Ownership of the media मीडिया को कौन चलाता है
Work of media मीडिया का काम क्या है
Types of media मीडिया के प्रकार
Contribution of media मीडिया का योगदान
Effect of Media मीडिया का प्रभाव
Allegation over media मीडिया पर आरोप
Expectation from the media मीडिया से अपेक्षाएं
Ownership of the media-
Media ownership has lot to do with the quality of content. Demystifying media is to know the pattern of ownership of media houses. How the media are found in any particular society or country is important to know the variation and quality of content presented in the media. If same owner runs newspaper, channel, radio and internet portal then same thought process, viewpoint will be seen in each and every channel. Ownership concentration always leads to the homogenisation of news and views. If concentration of ownership is not there in few hand then there will be the variety of content across the platform. Media will not be managed easier by powerful people. There will be heterogenous news and views in the media. Plurality of content will be there. Check and balance will work perfectly.
मीडिया को कौन चलाता है-
मीडिया को कौन चला रहा है इससे बहुत फ़र्क पड़ता है कि मीडिया में किस तरह के कार्यक्रम आ रहे हैं। अगर मीडिया का स्वामित्व कुछ हाथों में सीमित होगी तो ज़ाहिर सी बात है मीडिया पर जो विषय वस्तु होगा उसमें विभिन्नता उस प्रकाशन नहीं होगी अगर जो स्वामित्व कुछ हाथों में न हो। सीमित हाथों में स्वामित्व का न होना विषय वस्तु की विभिन्नता में इज़ाफ़ा तो करता ही है साथ ही साथ मीडिया को किसी व्यक्ति द्वारा नियंत्रण करना संभव नहीं होगा। कोई चाहकर एक मुद्दा न बना पाएगा ना ही जानता के मुद्दे से भटका पाएगा।
Work of media-
Demystifying the media also says that people should know what work media does. The media work for the betterment of society. It works for the upliftment of the downtrodden people of the society. It's also work for building scientific temperament in the society. The approach of the media is that even the weaker section could raise their voice through the platform of media. Media work for the holistic development of each and every individual of the country. Media work as a connecting link between government and the people. He tries to inform each other with the latest update. Media is the watchdog of the society. It is also said that media works as the fourth pillar of democracy. Duty of the media is to keep vigilant regarding other three pillar which is judiciary, legislative, and executive.
मीडिया का काम क्या है-
मीडिया क्या काम करता है यह जानने में भी लोगों की बहुत रुचि होती है। मीडिया हमारे आस-पास घटित हो रही घटनाओं को हमें ही बताता है।मीडिया उन लोगों के लिए मंच बनता है जो अपने मुद्दे ख़ुद उठा पाने में सक्षम नहीं है। मीडिया सरकार और जनता के बीच में सेतु का काम करता है। दोनों को एक-दूसरे के बारे में जानकारी देता है। मीडिया सबका साथ सबका विकास के नज़रिए से काम करता है। मीडिया को समाज के प्रहरी के रूप में माना जाता है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में भी मीडिया की पहचान है। इसका काम है लोकतंत्र के अन्य तीन स्तंभ पर नज़र रखना कि वह अपने दायित्व का निर्वाहन सही प्रकार से कर रहे हैं कि नहीं। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका इन तीनों के बारे में मीडिया बारीक नज़र रखता है और इनके कामकाज की समीक्षा जनता की नज़र से करता है।
Types of media-
There are different types of media newspaper that is known as print media, electronic channels that comes under electronic media, website and portal these come under digital media. Besides, this radio is there which is again example of electronic media. There is folk media also working in the remote area. The purpose of each and every media is different. The way they present the content to the masses is also different. So each and every media has unique identity attached to them so we can broadly categorise the media into print media, electronic media, Digital media, and traditional media
मीडिया के प्रकार-
मीडिया की कई प्रकार है जो जनता की हकों की लड़ाई लड़ते हैं। सबसे पुराने मीडिया की बात करें तो प्रिंट मीडिया आते हैं जिसमें अख़बार, मैग्जीन इत्यादि शामिल है। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का नंबर आता है तमाम चैनल और रेडियो इसमें आता है और मेरा।डिजिटल मीडिया सबसे आधुनिकमीडिया का स्वरूप है तमाम वेबसाइट होटल इसके तहत आते हैं जो लोगों की बात पाक साफ़ है कि उन तक पहुँच जाते है। इसके अलावा फोक मीडिया भी है जो कि दूर दराज़ के क्षेत्रों में सक्रिय है।
Contribution of media-
Whenever contribution of media is accounted then in simple words, it can be said that it has immense contribution for growth and development of country. Indian media has contributed a lot in the freedom struggle. It has raised the issue in the front of power and government. in spite of all the odds. The contribution of the media is to raise the issue which is not possible by the common people. Media has power of mass mobilisation it can raise any calls. Media has contributed a lot in their knowledge and understanding of the people regarding various issue. Day by day the popularity and reach of media is growing and its contribution too is growing. The contribution in the field of Knowledge, information and entertainment is immense.
मीडिया का योगदान-
मीडिया का योगदान समाज को सूचित करने में, शिक्षित करने में तथा मनोरंजित करने में अथाह है। भारतीय मीडिया का आज़ादी के लड़ाई में काफ़ी योगदान रहा है। तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी भारतीय मीडिया ने डटकर विदेशी ताक़तों का सामना किया। लोगों को उनकी मक़सद से मीडिया ने मिलवाया। मीडिया में यह ताक़त है कि वह लोगों को लामबंद कर सकता है। मीडिया ही लोगों को कई ज़रूरी बातों से अवगत कराता है। देश को दिशा और मक़सद देता है। दिन-प्रतिदिन मीडिया की संख्या बढ़ती जा रही है साथ ही साथ मीडिया का योगदान समाज के बेहतरी में बढ़ती जा रही है। मीडिया के प्रति लोगों में ग़ज़ब की दिलचस्पी बढ़ी है लोगों की निर्भरता सूचना, ज्ञान और मनोरंजन के लिए मीडिया पर बन चला है।
Effect of Media-
Media has immense power nowadays. Especially after coming of social media, the people engagement with the platform has grown tremendously. Due to media only the accountability and transparency in the system has increase to the manifold. There are the example when somebody has lodged something on the social media and the system has acted on it. So media has sensitise the system towards the public calls and issues. The visibility factor in between the people has grown tremendously after popularity of digital media. The society has changed a lot especially with the coming of social media. The transformation of the masses from content consumers to content creator is a new factor.
मीडिया का प्रभाव-
मीडिया का प्रभाव समाज के हर वर्ग पर है। सोशल मीडिया के आने के बाद ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं कि लोग सोशल मीडिया पर कोई आपत्ति जताते हैं और व्यवस्था के द्वारा तुरंत ही कार्रवाई की जाती है। इस तरह से देखें तो मीडिया का प्रभाव सरकार और व्यवस्था के उत्तरदायित्व में बढ़ोतरी किया है। पारदर्शिता में भी मीडिया के कारण बढ़ोतरी हुई है।डिजिटल मीडिया के सक्रियता के बाद व्यवस्था ज़्यादा उत्तरदायी हो चला है। काम में गति आयी है भ्रष्टाचार के मामले में भी कमी है।मीडिया ने हर अंग को प्रभावित किया है। जिस तरह से लोगों में दिखने की होड़ मची है ऐसा कभी पहले इतिहास में नहीं रहा।मनोरंजन के साधन काफ़ी बढ़े हैं। स्थानीय विषय पर मीडिया पर काफ़ी मात्रा में विषयवस्तु उपलब्ध हुए हैं जिससे लोगों की सक्रियता मीडिया पर और ज़्यादा बढ़ी है।
Allegation over media-
This system which is powerful will definitely face some allegation over its work culture. There are the allegation over the media that it present the news with all the calculation. The allegation is that media works in a biased manner. It used to raise the issue and concern of the upper class and upper middle class only. It overlooks the issue related to the lower class and lower middle class. Prime motivation for the media is to promote the cause of brand. Media works for the sake of getting advertisement and revenue from the market. The people service comes at the last. There is the cases of agenda setting by the media. Due to this role sometime media used to set the agenda and the media also divert the attention from real agenda. That's the reason that nowadays there is the popularity of alternate media and digital media. People are getting the real information and the news over the digital media which are not on the mainstream media.
मीडिया पर आरोप-
जो व्यवस्था जितनी ज़्यादा मज़बूत और उत्तरदायी होती है उस पर यह आरोप भी कई सारे लगते हैं। मीडिया पर यह आरोप लगता है कि वह कोई भी समाचार गुणा-गणित लगाकर ही दिखाता है। मीडिया पर पक्षपात का आरोप लगता है। मीडिया ज़्यादातर मामलों में उच्च वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के मुद्दे ही दिखाता है। निम्न वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के मुद्दों को मीडिया दरकिनार कर देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मीडिया पर ब्रांड के विज्ञापन आते हैं। इन ब्रांडों को ख़रीदने वाला उच्च वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के ही लोग हैं। निम्न वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोग सक्षम नहीं है कि वह ब्रांड को ख़रीद सकें। ये वर्ग इसलिए कंज़्यूमर की श्रेणी में नहीं आते हैं और इसलिए मीडिया इन पर आधारित कार्यक्रम भी नहीं दिखाता है। मीडिया भोगवादी संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। मीडिया पर एजेंडा सेटिंग करने का भी आरोप लगता है जिसके तहत मीडिया जो मुद्दे नहीं होते हैं उन्हें मुद्दा बना देता है और जो सही मुद्दे होते हैं उससे लोगों का ध्यान भटका देता है। यह इसलिए किया जाता है कि सत्ता और बाज़ार का आशीर्वाद मीडिया को मिलता रहे। इस प्रचलन से ही आम लोगों को मेनस्ट्रीम मीडिया से मोह भंग होता जा रहा है। उनका जुड़ाव डिजिटल मीडिया से ज़्यादा हो रहा है क्योंकि वहाँ पर उन्हें अपने मुद्दे और ज़रूरी ख़बरें मिल जाती है।
Expectation from the media-
There is immense expectation from the media. The people expect from the media that it will work in more answerable manner. Media will make system more accountable and transparent. Media will work for the betterment of all section of society. Media will not work as a mouthpiece of Brand and the government. The people expect from the media that it will work in a more balanced manner in the future. It will work without any fear and favour.
मीडिया से अपेक्षाएं-
मीडिया से ये अपेक्षाएं है कि वह सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम करें करें। जिस अवधारणा के साथ इसकी शुरुआत हुई थी उस रास्ते पर यह चलें।समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति की लड़ाइ मीडिया लड़े। हासिये के लोगों की आवाज़ मीडिया बन कर उभरे। मीडिया का निर्माण प्रमुख रूप से जनता के प्रति हुआ है। सरकार और बाज़ार के मुख पत्र के रूप में मीडिया काम न करे। मीडिया व्यवस्था और सरकार को ज़्यादा उत्तरदायी बनाने में अपनी भूमिका को और बढ़ाएं। व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भी मीडिया से पहले से ज़्यादा अपेक्षाएं लोग को है। मीडिया से लोगों को अपेक्षा है कि वह बिना भय और पक्षपात के लोग के मुद्दों को उठाएगा।
The concept of demystifying the media in totality says that people have more expectations from the media. They want to know more about the work culture of media. They are interested to know why the media is so. They want to know decision making capacity of media and also they are interested to know how this decision is diverted. Their interest is to know all the positivity and all the shortcomings of the media. They want to know the reason behind the state of media. They want that media should become more inclusive and pragmatic towards the real cause of people. They want people media.
मीडिया के बारे में जानने में लोगों की रुचि पहले से काफ़ी ज़्यादा बढ़ी है। उनकी आकांक्षाएं है कि मीडिया अपने बारे में भी लोगों को अवगत कराये। वह जानना चाहते हैं कि मीडिया कैसे काम करता है। वह यह भी जानना चाहते हैं कि वर्तमान में मीडिया की जो हालात हैं वह क्यों है। लोगों की रुचि यह भी जानने में है कि मीडिया जो निर्णय लेता है वह किस आधार पर लेता है। ख़ास करके अगर ने अपनी ही लिए गए निर्णय से भटकता है तो उसके पीछे की वजह क्या है। लोग मीडिया की सारी सकारात्मक चीज़ों के साथ उसकी जो कमियां हैं उसके बारे में भी पूर्ण रूप से अवगत होना चाहते हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि मीडिया उनके मुद्दों के प्रति ज़्यादा मानवीय हो।